नई दिल्ली/कोलकाता: हाल ही में नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा अपना माइक्रोफोन बंद करने के आरोप को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। चौधरी ने बनर्जी के दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि बैठक के दौरान ऐसा कुछ नहीं हुआ था।
अधीर रंजन चौधरी के आरोप:
अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर कई और गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को पहले से ही पता था कि बैठक में क्या होने वाला है और वह पूरी तैयारी के साथ आई थीं। चौधरी ने यह भी दावा किया कि ममता बनर्जी राहुल गांधी की बढ़ती राष्ट्रीय राजनीति में लोकप्रियता से जलन महसूस कर रही हैं। उनके अनुसार, बनर्जी राहुल गांधी के प्रति ईर्ष्या करने लगी हैं और इसी कारण से वह उनके खिलाफ बोल रही हैं।
केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया:
इस विवाद के बीच, केंद्र सरकार ने भी ममता बनर्जी के आरोपों का खंडन किया है। सरकार के अनुसार, नीति आयोग की बैठक के दौरान ममता बनर्जी का माइक्रोफोन बंद नहीं किया गया था। सरकार ने उनके आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि बनर्जी को बोलने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था।
ममता बनर्जी के आरोप और अधीर रंजन चौधरी का प्रतिवाद:
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि नीति आयोग की बैठक में उन्हें जानबूझकर बोलने का पर्याप्त समय नहीं दिया गया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चौधरी ने कहा, “मुझे लगता है कि ममता बनर्जी झूठ बोल रही हैं। यह सोचने वाली बात है कि एक राज्य के मुख्यमंत्री को बोलने से रोका जाएगा। ममता को पहले से ही पता था कि बैठक में क्या होने वाला है और वह पूरी तैयारी के साथ आई थीं।”
राहुल गांधी से ममता की ईर्ष्या:
अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा कि राहुल गांधी की राष्ट्रीय राजनीति में बढ़ती भूमिका से ममता बनर्जी जलन महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को यह स्वीकार करना चाहिए कि राहुल गांधी को भारतीय जनता का व्यापक समर्थन मिल रहा है, जो उन्हें ईर्ष्या का कारण बनता है।
नीति आयोग की बैठक से ममता का वॉकआउट:
गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने बैठक से यह कहते हुए वॉकआउट किया था कि उन्हें अपमानित किया गया और बोलने का समय नहीं दिया गया। केंद्र सरकार ने उनके इन दावों को भ्रामक बताते हुए खारिज कर दिया है।
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच तनाव बढ़ रहा है, और इसका असर राजनीतिक माहौल पर भी पड़ सकता है। इसके अलावा, अधीर रंजन चौधरी के बयान से विपक्षी दलों के बीच भी नई बहस छिड़ सकती है।