नमस्कार,
अगर आपका वजन सामान्य से थोड़ा अधिक है तो आसानी से मैनेज हो जाता है। लेकिन मोटापा या ओबेसिटी एक ऐसी बीमारी है जिसमें अत्यधिक मात्रा में शरीर में फैट जमा हो जाता है। जब कोई व्यक्ति मोटा हो जाता है तो यह शरीर के लिए बेहद खतरनाक भी हो जाता है। अधिक चर्बी गंभीर बीमारियों का कारण हो सकती है। लेकिन किस व्यक्ति को कब मोटा माना जा सकता है? सबसे पहले मैं आपको मोटापे के लक्षणों के बारे में बताऊंगी।
जब किसी व्यक्ति का वजन सामान्य से अधिक होता है तो यह ओबेसिटी का कारण बन जाता है। जब किसी व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 30 या उससे अधिक होता है तो हम कह सकते हैं कि व्यक्ति मोटा है। सामान्य वजन वाले व्यक्ति का BMI 18.5 से 24.9 के बीच हो सकता है। हालांकि, मसलदार अथलीट का BMI ओबेसिटी की श्रेणी में आ सकता है, भले ही उनके शरीर में अतिरिक्त फैट न हो या वे ओबेस न हों।
मोटापा और उसके कारण:
मोटापा अकेले नहीं आता, यह अपने साथ कई तरह की बीमारियों को भी लाता है। जब कोई व्यक्ति मोटा होता है तो उसे शुगर, टाइप 2 डायबिटीज जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। मोटापे से यूटेरस, सर्विक्स, एंडोमेट्रियम, ओवरी, ब्रेस्ट, कोलोन, रेक्टम, इसोफेगस, लिवर, गाल ब्लैडर, पैनक्रियास, किडनी, और प्रॉस्टेट के कैंसर भी हो सकते हैं। मोटे लोगों में हार्ट अटैक, गाल ब्लैडर डिजीज, लिवर डिसऑर्डर, गाइनिकोलॉजिकल, रिप्रोडक्टिव, ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्याएं आम होती हैं।
आपने कई बार सोचा होगा कि आपके मोटापे का कारण क्या है। आमतौर पर मोटापा, अधिक खाने, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, और जेनेटिक्स जैसे कारणों से होता है। कुछ महिलाओं में PCOD, हाइपरथायरायडिज्म, इन जैसे हॉर्मोनल डिसऑर्डर्स के कारण भी मोटापा हो सकता है। मानसिक बीमारी की दवाइयों का साइड इफेक्ट भी मोटापा पैदा कर सकता है। अकेलापन, मेनोपॉज, डिप्रेशन, इन सब से गुजर रही महिलाएं भी खुशी और आनंद पाने के लिए इमोशनल ईटिंग करती हैं, जिससे मोटापा बढ़ सकता है।
कैसे कम करें बढ़ता वजन:
जेनेटिक्स की एक बड़ी भूमिका है कि किसी का शरीर कितनी कुशलता से खाने को एनर्जी में बदलता है। जब परिवार के सभी लोग अस्वस्थ जीवन जीते हैं और खाने और एक्सरसाइज की आदत समान रखते हैं, तो वे ओबेसिटी की ओर जाते हैं। कुछ लोगों में मोटापा मेडिकल कारण से भी हो सकता है। मेडिकल प्रॉब्लम जैसे आर्थराइटिस आपकी एक्टिविटी को सीमित कर सकता है, जिससे वजन बढ़ सकता है। कुछ दवाइयां जैसे एंटी-डिप्रेसेंट्स, एंटी-सीज़र, डायबिटीज की दवाइयां, एंटी-साइकोटिक दवाइयां और स्टेरॉयड जैसी कुछ दवाइयां वजन आसानी से बढ़ा सकती हैं।
वजन घटाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है स्वस्थ जीवन शैली अपनाना। सही आहार, नियमित व्यायाम, और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देकर आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं। खाना पकाने के स्वस्थ तरीके सीखें, उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों से बचें, और फिजिकल एक्टिविटी को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
योग और लाइफस्टाइल:
योग भी वजन घटाने में सहायक हो सकता है। योग केवल आसन या प्राणायाम के बारे में नहीं है, बल्कि यह एक सम्पूर्ण पैकेज है जो किसी भी व्यक्ति को जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे डाइट, एक्सरसाइज, मन की शांति आदि पर बारीकी से देखने के लिए प्रेरित करता है।
आहार, विहार, आचार, और विचार ये चार योगिक कंसेप्ट्स के साथ व्यक्ति आसानी से अपनी लाइफस्टाइल में परिवर्तन कर सकता है। सही आहार और व्यायाम से मोटापा कम किया जा सकता है।