तकनीक के इस दौर में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने हमारी जिंदगी को बहुत आसान बना दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी खुद की आवाज़ भी आपके लिए खतरा बन सकती है? हाल ही में हुए एक शोध में यह सामने आया है कि AI मॉडल्स आपकी आवाज़ का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं, जो आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
AI मॉडल और आवाज़ का खतरा
AI तकनीक इतनी उन्नत हो चुकी है कि यह आपकी आवाज़ को हूबहू नकल कर सकती है। इसका मतलब है कि अगर किसी के पास आपकी आवाज़ का सैंपल है, तो वह उसे AI मॉडल में फीड करके आपकी आवाज़ में किसी भी तरह की बात करवा सकता है। यह आपके बैंकिंग लेन-देन, व्यक्तिगत जानकारी और यहां तक कि आपकी सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकता है।
कैसे होता है यह काम?
AI मॉडल्स वॉयस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग करते हैं। यह तकनीक आपकी आवाज़ के पैटर्न और स्वर को पहचान कर उसे नकल करती है। एक बार जब AI को आपकी आवाज़ का सैंपल मिल जाता है, तो वह उसे कई तरीकों से इस्तेमाल कर सकता है। इसमें फोन कॉल्स करना, वॉयस कमांड देना और यहां तक कि सोशल मीडिया पर आपकी आवाज़ में पोस्ट करना शामिल है।
अपनी आवाज़ को कैसे रखें सुरक्षित?
- संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें: किसी भी सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर अपनी आवाज़ में संवेदनशील जानकारी न दें।
- वॉयस वेरिफिकेशन का इस्तेमाल करें: अपने सभी महत्वपूर्ण अकाउंट्स में वॉयस वेरिफिकेशन के लिए एक अतिरिक्त सुरक्षा लेयर जोड़ें।
- AI मॉनिटरिंग टूल्स का उपयोग करें: अपनी आवाज़ का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए AI मॉनिटरिंग टूल्स का उपयोग करें।
- सुरक्षित नेटवर्क का उपयोग करें: केवल सुरक्षित और एन्क्रिप्टेड नेटवर्क का उपयोग करें ताकि आपकी आवाज़ का डेटा सुरक्षित रहे।
- क्या है VALL-E 2?VALL-E 2 एक टेक्स्ट-टू-स्पीच (TTS) जनरेटर है, जो किसी इंसान की आवाज को सुनकर उसी तरह की आवाज निकाल सकता है। यह एआई स्पीच जनरेटर इतना सटीक और नेचुरल स्पीच जनरेट करता है कि सुनने वाले के लिए यह पता करना मुश्किल हो जाता है कि वे किसी मशीन से बात कर रहे हैं या किसी इंसान से।
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VALL-E 2 की खासियतें
- हाई क्वालिटी स्पीच: VALL-E 2 उच्च गुणवत्ता वाली स्पीच को आराम से जनरेट कर सकता है। यह पारंपरिक रूप से जटिल और चुनौतीपूर्ण सेंटेंस को भी बड़ी आसानी से बोल सकता है।
- आवाज की सटीकता: यह जनरेटर इंसानी आवाज की एक्यूरेट नकल करने में सक्षम है, जिससे यह लगभग असंभव हो जाता है कि आप मशीन और इंसान की आवाज में अंतर कर पाएं।
- नेचुरल साउंडिंग वॉयस: VALL-E 2 द्वारा जनरेट की गई आवाज बिल्कुल प्राकृतिक लगती है, जो इसे अन्य स्पीच जनरेटर से अलग बनाती है।
संभावित खतरे
हालांकि VALL-E 2 की तकनीक बेहद उन्नत है, लेकिन इसके गलत उपयोग की संभावनाएं भी उतनी ही ज्यादा हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, इस तकनीक का उपयोग धोखाधड़ी, वॉयस क्लोनिंग और डीपफेक के मामलों में हो सकता है। इसलिए फिलहाल इसे आम जनता के लिए उपलब्ध नहीं किया गया है।
- धोखाधड़ी का खतरा: VALL-E 2 की मदद से किसी की भी आवाज की नकल कर धोखाधड़ी की जा सकती है।
- वॉयस क्लोनिंग: किसी व्यक्ति की आवाज का क्लोन बनाकर उसे गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।
- डीपफेक: इस तकनीक के जरिए डीपफेक कंटेंट बनाने का खतरा भी बढ़ जाता है, जिससे गलत सूचनाएं फैल सकती हैं।